रिटायर नही हुए - कविता
जिम्मेदारी बदली है
रिटायर नही हुए
पहले ऑफिस में चहलकदमी करती थी
अब घर में
पहले प्रोजेक्ट के पीछे भागती थी
अब अपनी लाडली के पीछे
पहले शहर का कोना कोना जाना पहचाना था
अब घर का कोना कोना
पहले मंथली बेनीफिट मिलते थे
अब हर पल मिलता है
एक वर्किंग वुमन से अब माँ हूँ
काम तो तभी शानदार करती थी
और आज भी
तो ऐ शहरवालों
ऐसे मत जताओ
जिम्मेदारी बदली है
रिटायर नही हुए है 😄
-चंचल सिंह साक्षी
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